शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा, महाकाल की नगरी मे पाउ जनम दोबारा इस नगरी के कंकर पथर हम बन जाए, भक्त हमारे उपर चड़कर मंदिर जाए, भक्तजनो के पाव पड़े तो हो उद्धार हमारा, बाबा भोलानाथ है हमारा तुम्हारा जब भी ये तन त्यागु त्यागु क्षिप्रा तट पर , इतना करना स्वामी ओर मरु मर्घत पर , मेरी भसमी चड़े आप पर पाउ प्यार तुम्हारा, शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा जय भोला भंडारी जय गौरा त्रिपुरारी, रखियो लाज हमारी सब जाग के हितकारी, मन की इक्च्चा पूरण होतो होवे वारा न्यारा, बाबा भोलानाथ है हमारा तुम्हारा शंकर भोला नाथ है हमारा तुम्हारा हमारा तुम्हारा, महाकाल की नगरी मे पाउ जनम दोबारा