नथ  म्हारी दई दो रे सांवरिया

  नथ  म्हारी दई दो रे सांवरिया, नथ म्हारी दई दो रे सांवरिया
  म्हारो चन्द्र बदन मुख सुनो रेे, नथ मारी दई दो..

  सोना गढ़ से सोनो मंगायो समंद पार रा  मोती म्हारा साहिबा 
  इना री मंदिर में करी घड़ाई या हे शोभा न्यारी नथ मारी दई दो..

  म्हारे आंगन पेड़ कदम को आई बैठा गिरधारी म्हारा साहिबा
  इरता फिरता म्हारे घर आजो बात करांगा सारी, नथ मारी दई दो..

  गागर झलके चुनर भिंजे भिंज रही म्हारी साड़ी म्हारा साहिबा
  गुंघट का पट खुल जाएगा लाज  जाएगा म्हारी, नथ मारी दई दो..

  बाबा नंद घर नौलख गया नित्य माखन होवे म्हारा साहिबा
  बड़ा  घरा का राज दुलारा मैं हूं राधा प्यारी, नथ मारी दई दो..