अरज सुणो बनवारी सांवरिया म्हारी

  अरज सुणो बनवारी सांवरिया म्हारी,
  अर्ज सुणो बनवारी,
  अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
  अरज सुनो गिरधारी॥
  (राग-मांड)

  श्वास श्वास मे थारे सुमीरु दाता,
  भूलों मति बनवारी,
  भुल गया तो रे,
  लाज जावेगी,
  हँसी होवेगी घणी थारी,
  सांवरिया म्हारी अरज सुणो बनवारी॥

  माया नाग ने  कियो  कुन्डालो दाता,
  ईण ते बेगी उबारो,
  मोह मन का में रे,
  घनो दुख पायो,
  अब सुध लेवो बनवारी,

  मै मतिहीन हूँ कुछ नही दाता,
  आयो शरण तिहारे,
  भवसागर में तो,
  घणो दुख पायो,
  अबकी पार उतारो,
  सांवरियां म्हारी अरज सुणो बनवारी॥

  आगे संत अनंत ऊबारा दाता,
  अबकी बारी हमारी,
  दास मलूक कहा रे,
  भूली मती जाजौ,
  म्हणे तो भरोसो बढ़ो भारी,
  सांवरिया म्हारी अरज सुनो बनवारी।

  अरज सुनो बनवारी सांवरिया म्हारी,
  अर्ज सुणो बनवारी,
  अरज सुनो गिरधारी सांवरिया म्हारी,
  अरज सुनो गिरधारी॥

  गायक - दिनेश जी भट्ट (मालपुरा)
  सांवरिया म्हारी अरज सुणो बनवारी॥