सखी मेरे मन की को जाने

  सखी मेरे मन की को जाने,
  कासो कहों सुने जो चित्त दे,
  हित की बात बखाने ।। सखी

  ऐसो को है अन्तर जामी,
  तुरत पीर पहचाने,

  नारायण जो बीत रही है,
  कब कोई सच माने ।। सखी

  सखी मेरे मन की को जाने...