साहिबा ओ मेरे साहिबा 


  साहिबा ओ मेरे साहिबा कौन जाने गुण तेरे 
  कहीं ना जाई अवगुण मेरे 
  साहिबा ओ मेरे...

  कट की माही बाप कट कैदा 
  किदू थावो  हम आए 
  अगन बिम्ब जल भीतर निपजै 
  काहे कम उपाय 
  साहिबा ओ मेरे...

  कैते रुक बिरख हम चीने 
  कैते पसू उपाय 
  कैते नाग कुली मे आए 
  कैते पंख उड़ाए 
  साहिबा ओ मेरे...

  जैता समंदर सागर नीर भरीया 
  तैते अवगुण हमारे 
  दया करो किछ मिहर उपावहु 
  डुब्दे पत्थर तारे 
  साहिबा ओ मेरे...

  जीयरा अगन बराबर तपय 
  भीतर वागई काटी प्रणवत 
  नानक हुकुम पछाणी 
  सुख होवे दिन राती 
  साहिबा ओ मेरे...