कृपा कटाक्ष निहारो

कृपा कटाक्ष निहारो श्री सदगुरु कृपा कयक्ष निहारो।

जीव गति तनिक नहिं देखो, अपनो विरद विचारों श्री सदगुरु।
जो बन आवे सो ही विमुखता, कया करे जीव विचारो, श्री सद्‌गुरु।
रसिक दास जन जैसो ही तैसो, आखिर दास तिहारो, श्री सद्गुरु।

कृपा कटाक्ष निहारो...