जनम जनम को दास तिहारो

जनम जनम को दास तिहारो, करुणा कर अब तार मुरारे।।

में गुण हीन दोष परिपूरण, तूं अपनी और निहार मुरारे।।

तुम बिन और न पालक मेरो, वंचक सब परिवार मुरारे।।

भवसागर जल तरण कठिन है, कैसे जाऊँ मैं पार मुरारे।।

ब्रह्मानंद विलम्ब न कीजे, सुनिये मेरी पुकार मुरारे।।
जनम जनम को में दास तिहारो...