हरि गुरु अंतर ना ही साधो हरि गुरु अन्तर नाहीं साधो हरि गुरु अन्तर नाहीं हरि ही गुरु है गुरु ही हरि है, गुरु में हरि समाई हरि ही गुरु हों अवतरे हैं जीव जगावण भाई ।। साधो .... राम यही है कृष्ण यही है झूठा क्यों भरमाई गुरु के गुर से हरि मिलत है जोत में जोत मिलाई ।। साधो... हरि की मूरत गुरु को सूरत दोनों मंगल दाई सूर और तुलसी संत कबीरा मीरा श्री मुख गाई ।। साधो..... लक्ष्य एक है, राह अनेकों मूरख भरम मिटाई । जो आया है सो जाएगा, वथा न समय गंवाई ।। साधो... सत्संग कर लो पार उतरलो, गुरु में हरि को पाईं। कहत संत सब पंथ जगत के गुरु ही हरि है भाई ।। साधो ...