गुरु पूरण दातार हमारे

          साखी

दादु सदगुरु सहज में बहुत किया उपकार।
निर्धन ते धनवत किया, गुरु मिल्या दातार।।

          भजन

 गुरु पूरण दातार हमारे
 अभय दान दीनन को दीन्हे कीन्हे भव जल पार।।
 गुरु पूरण...

 जनम जनम के बंधन काटे, यम को फंद निवार।
 रंक हुते सो राजा कीन्हे, हरि धन दियो अपार।।
 गुरु पूरण...

 देवे ज्ञान भक्ति पुनि देवे, योग बतावन हार।
 तन मन वचन सकल सुखदाई, हिरदे बुद्धि उजियार ।।
 गुरु पूरण...

 सब दुख गंजन पातक भंजन रंजन ध्यान विचार।
 साजन दुर्जज जो चलि आवे, एक ही दृष्टि निहार।।
 गुरु पूरण...

 आनंद रूप स्वरूपमयी है, लिप्त नहीं संसार।
 चरणदास गुरु सहजो केरे, नमो नमो बारम्बार।।
 हमारे...