आज सखी सतगुरु घर आये

         साखी

  नमो नमो गुरु देवजी सत्तस्वरूपी देव,
  आदि अन्त गुण काल के जानन हारे भेव ।।

  सुन्दर सत्तगुरु वंदिये सो ही वंदन योग,
  औषध शब्द पिलाय के दूर करे भव रोग।।

          भजन

  आज सखी सतगुरु घर आये
  मेरे मन आनंद भयो री ।। आज सखी...

  दर्शन से सब पाप विनाशे,
  दुःख दरिद्र सब दूर गयो री ।। आज सखी...

  अमृत वचन सुनत तम नाश्यो,

  घट भीतर प्रभु पाय लियो री।। आज सखी...
  जनम जनम के संशय छूटे,

  भव भय ताप मिटाय दियो री ।। आज सखी....

  ब्रह्मानंद दास दासन को,
  चरण कमल लिपटाय रहयो री ।। आज सखी...