स्वर्ग से सुन्दर सबसे प्यारा है दादा दरबार 

  स्वर्ग से सुन्दर सबसे प्यारा है दादा दरबार 
  हम पर रहे बरसता हरदम सदा तुम्हारा प्यार 
  आपका प्यार न छूटे चाहे जग सारा रूठे
  दादाजी का प्यार न छूटे चाहे जग सारा रूठे 

  दुनिया में हो दादा, थारे अधभुत खेल निराले 
  बनकर यात्री दादा, हरी दर्शन करने आये 
  आये दर्शन करने दादा हमें लगादो पार 
  आपका प्यार न छूटे...

  कोड़ी और कलंकी, दादा आये आपके द्वारे 
  कष्ट मिटाओ दादा, सारे बोल रहे जय कारे 
  भीड़ लगी है आपके द्वारे आये नर और नार 
  आपका प्यार न छूटे...

  हम सेवक हैं दादा, हम सेवा करें तुम्हारी 
  सेवक मंडल आके, दादा बोले भेंट तुम्हारी 
  सेवक मंडल आयो द्वारे हमे लगादो पार 
  आपका प्यार न छूटे...