शरण में दादाजी की आए हुए हैं 
  करो नाथ रक्षा सताए हुए हैं

  बना कैसा सुंदर यह कैलाश पर्वत 
  जहां आप धूनी रमाई हुए हैं
  शरण में दादाजी की...

  जटाओं से निकली है महारानी गंगा 
  उसी में आप गोता लगाए हुए हैं 
  शरण में दादाजी की ...

  गले में विराजे यह सर्पों की माला 
  उसी का जनेऊ बनाए हुए हैं 
  शरण में दादाजी की...

  पिलाती सखियां उन्हें भांग घिस घिस 
  उधर आप ताली बजाए हुए हैं 
  शरण में दादाजी की ...

  बिगाड़ो ना हमको खिलौना समझकर 
  के हम भी सतगुरु के बनाए हुए हैं 
  शरण में दादाजी की ...

  करो अपने बच्चों में हमको भी शामिल 
  बड़ी देर से सर झुकाए हुए हैं
  शरण में दादाजी की ...