मुक्ति मले कि ना मले मुक्ति मले कि ना मले म्हारे भक्ति तमारी करवी छे मेवा मले कि ना मले म्हारे सेवा तमारी करवी छे मुक्ति मले....... म्हारो कंठो माधुरो ना होय भले, म्हारो सुर बेसूरो होय भले आ शब्द मले कि ना मले, माहरे पूजा तमारी करवी छे मुक्ति मले...... भले आवे जीवन मां तड़का ने छायाँ, सुख के दुःख ना पड़े छायाँ काया रहे कि ना रहे, म्हारे माया तमारी जोवी छे मुक्ति मले..... हूँ पंथ तमारो छोड़ूँ नहीं, ने दूर क़्याएँ दौड़ूँ नहीं आ पुण्य मले कि ना मले, खरे पूजा तमारी करवी छे मुक्ति मले....