म्हारा श्याम सलोना आये रे म्हारा श्याम सलोना आये रे, म्हारा कृष्णा बालूड़ा आये रे म्हारा नन्द कान्हूड़ा एकर, सूरे मेरो दीजो आये म्हारे हाथ रो माखण खाये रे म्हारा श्याम... ब्रज में आईजो बंसी बजैजो, पाइजो पीड़ी गाये हाँ धोरी धूमर ले हैं धूमर तो, बिन तृण न खाये रे म्हारा श्याम... काला न बाला करे ब्रज बाला, लाला तू लेखे लाव किम कर भूलूँ वृह मांही झूलूं, वो दिन लेइजो आई रे म्हारा श्याम... दूध पिलायो गोद खिलाइयो, हिवड़े धवायो धाए रे यहाँ से रिसाता लिखियो विधाता, माता के मिस आये रे म्हारा शयाम... बंसी बाजी सखियाँ ताजी, राजी यशोदा माई हाँ हरिहर आया सब मन भाया, सिमरथ यो गुणगान रे म्हारा शयाम...