मेरी छोटी सी है नाव तोरे जादू भरे पाँव 
  डर लागे मोहे राम केसे बेठाऊ तोहे नाव में 
  ओं रामा केसे बेठाऊ तोहे नाव में

  १. जब पत्थर से बन गयी नारी ये तो लकड़ी की नाव हमारी .. 
  मेरा यही रोज़गार दूजा नही है व्यापार , सुनो सुनो जी सरकार .... 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में...

  २. एक बात मानो तो बेठालू तोरे चरणो की धूल निकालूं ... 
  यह बात हो मंज़ूर पार करूँगा ज़रूर, सुनो सुनो जी हुज़ूर .... 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में...

  ३. बड़े प्रेम सहित पाव धोए पाप जनम जनम के धोये .... 
  भए मन में प्रस्सन करे राम दर्शन , संग सिया लक्ष्मण ... 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में... 

  ४. चरणामृत तो सबको पिलाऊँ तोहे फूलो का हार पहनाऊ ..
  ऐसा समय बार बार आता नही सरकार , अब लगाओ ना वार ...
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में...

  ५. धीरे धीरे से नाव चलता वो तो गीत खुशी के गाता ... 
  कहता यही मन में डूबे सूरज ना क्षण में , राम जाए ना वन में ... 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में...

  ६. लेलो मल्लाह ये उतराई मेरे पल्ले कछु नही भाई ..
  ये तो करलो स्वीकार तेरा होगा बेड़ा पार , तेरी होगी जय जय कर ... 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में...

  ७. भाई भाई से लेना शरम है पार करना हमारा धरम है .. 
  मेने की है गंगा पार करना भवसागर से पार , तेरे भक्त की पुकार .. 
  केसे बेठाऊ तोहे नाव में... ।