हर पल में मुझे दादाजी 

  हर पल में मुझे दादाजी 
  बस आपका सहारा है 
  मेरी नैया सम्भालो तुम 
  बड़ी दूर किनारा है 

  इस जग अंदर मेरा 
  तुम बिन कोई और नहीं 
  इस दर के सिवा दादा 
  मुझे कोई ठौर नहीं 
  मतलब के हैं साथी 
  सारा झूठा फ़साना है 
  मेरी नैया…

  जैसी भी हूँ तेरी हूँ 
  मुझको अपनालो तुम
  इस लोक परलोक में भी 
  मेरी लाज बचालो तुम 
  तेरी दया के काबिल हूँ 
  आपका भरा भंडारा है 
  मेरी नैया…

  नित आरती और पूजा 
  तेरी महिमा गाऊं मैं 
  तेरी सेवा ध्यान करूँ 
  और दर्शन पाऊं मैं 
  इस दासी को दादाजी 
  आपका दर ही प्यारा है 
  मेरी नैया…