हमने तो सतगुरुजी, पकड़ा दामन तुम्हारा हमने तो सतगुरुजी, पकड़ा दामन तुम्हारा तू आसरा हमारा, दादा तू आसरा हमारा प्रहलाद के सहाई, मीरा के बंसी वाले भक्तों के दादा तुमने, सब काज हैं सँवारे आया है दौड़ के तू, दादा आया है दौड़ कर तू जब भी तुम्हे पुकारा, तू आसरा हमारा हमने तो सतगुरुजी मैं जानती हूँ तुमने, शबरी के बेर खाये कभी भक्त सुदामा के, तुमने महल बनाये माया का चोला ले कर, दादा माया का चोला ले कर आये हो फिर दोबारा, तू आसरा हमारा हमने तो सतगुरुजी ओ मेहर करने वाले, हम पर भी मेहर करना करके नज़र दया की, दीनो की झोली भरना मेरी ये आरज़ू है दादा , हम सब की आरज़ू है छूटे ना दर तुम्हारा, तू आसरा हमारा हमने तो सतगुरुजी