दादाजी से मिलने का 

 दादाजी से मिलने का, सत्संग ही बहाना है
 जब से तुम्हे देखा, दिल हो गया दीवाना है

 मेरे घर आ जाओ, मेरे मेहमान बनो 
 पलकों पे बिठा लुंगी, मैंने मन में यह य ठाना है
 दादाजी से...

 भली हूँ बुरी हूँ मैं, तेरी हूँ तेरी हूँ 
 जहाँ मुझे ले चलोगे, मेरा वहीँ जा ठिकाना है
 दादाजी से... 

 इंदौर की गलियों में, नर्मदा की लहरों में 
 हर जहाँ पाया तुझे, तेरा हर जहां ठिकाना है 
 दादाजी से..