दादा तेरे चरणों की दादा तेरे चरणों की, थोड़ी धूल जो मिल जाये सच कहता हूँ दादा, तकदीर बदल जाये दादा तेरे... सुनते हैं तेरी रेहमत, दिन रात बरसती है इक बूँद जो मिल जाये, तकदीर संवर जाये दादा तेरे... ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ जितना इसे समझाऊ, उत्तना ही मचल जाये दादा तेरे... नज़रों से गिराना ना, चाहे जो भी सज़ा देना नज़रों से जो गिर जाये, मुश्किल है संभल पाना दादा तेरे... दादा मेरे जीवन की, बस एक तम्मना है तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाये दादा तेरे...