अब सौंप दिया इस जीवन का 

  अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार आपके हाथों में 
  है जीत आपके हाथों में और हार आपके हाथों में 

  मेरा निश्चय बस एक यही, इक बार तुमको पाऊं मैं
  और सौंप दू इस जीवन का, सब भार आपके हाथों में 
  अब सौंप दिया... 

  जो जग में रहूं तो ऐसे रहूं, जैसे जल में कमल का फूल रहे 
  मेरे गुण और दोष समर्पित हो, दादाजी आपके चरणों में 
  अब सौंप दिया... 

  यदि मानव का मुझे जनम मिले, तो मे दादा चरणों का पुजारी बनूँ 
  इस जीवन की इक इक रग का, सब तार आपके हाथों में
  अब सौंप दिया...

  जब जब संसार का कैदी बनु, निः काम भाव से कर्म करूँ 
  फिर अंत समय में प्राण तजूं, दादाजी आपके चरणों में 
  अब सौंप दिया... 

  मुझमें और तुझमें भेद यही, मैं नर हूँ आप नारायण हो 
  मैं हूँ संसार के हाथों में, संसार आपके हाथों में 
  अब सौंप दिया...